ज्ञानवापी- श्रृंगार गौरी प्रकरण- हिंदू पक्ष की दलीलों के बाद मस्जिद पक्ष की आपत्ति पर सुनवाई
व्यूरो
वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद- श्रृंगार गौरी प्रकरण में आज सुनवाई जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश्व की अदालत में होगी। मंदिर पक्ष अपने प्रार्थना पत्र और मस्जिद पक्ष की आपत्ति पर अपनी बात पूरी कर चुकी है। इसके बाद मस्जिद पक्ष एक बार फिर उनकी बातों पर आपत्ति दाखिल करेगा। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत तय करेगी कि मुकदमा सुनने योगय है या नहीं।
इसके पहले मंदिर पक्ष ने वक्फ संपत्ति समेत, काशी विश्वनाथ एक्ट और उपासना स्थल (विशेष अधिनियम) 1991 पर पर मजबूत दलील अदालत के सामने रखा। वहीं ज्ञानवापी परिसर के आराजी संख्या 9130 के मालिकाना हक पर भी बात हुई। मंदिर की ओर से वादी संख्या से दो से पांच तक के वकील विष्णु जैन व हरिशंकर ने सुप्रीम कोर्ट से लगायत हाई कोर्ट तक के तमाम फैसले नजीर के तौर पर अदालत के सामने रखा। वक्फ की संपत्ति को लेकर को बड़ी आपत्ति दाखिल की। उनके मुताबिक उक्त परिसर वक्फ में शामिल तो बताया जा रहा है लेकिन उसके बारे में सही जानकारी उसके आफिशियल वेबसाइट पर मौजूद नहीं है। इसके बाद वादी संख्या एक के वकील मान बहादुर सिंह ने भी श्रृंगार गौरी में दर्शन पूजन पर लगी रोक को मौखिक बताया है। साथ ही मंदिर गिरने के इतिहास को सामने रखी जबकि दलील दी कि मस्जिद बनाने का तो कहीं कोई जिक्र ही नहीं है इसलिए यह अतिक्रमण है। इसके बाद एडीजीसी महेंद्र प्रसाद पांडेय ने प्रतिवादी पक्ष प्रशासन व शासन की ओर से उनकी बात रखी। कोर्ट को आश्वस्त किया कि अदालत के निर्देश पर हर कदम उठाया जाएगा। पहले भी जैसा अदालत निर्देश देती रही है वैसा किया जाता रहा है।
मस्जिद पर अपनी आपत्ति दाखिल करेगा। साथ ही कुछ नए तथ्य भी सामने ले आएगा। इसके लिए वह कितना वक्त लेगा यह आज पता चल सकेगा। इसके बाद अदालत तय करेगी कि मुकदमा सुनने योग्य है नहीं है। बता दें कि पांच महिलाओं ने श्रृंगार गौरी में नियिमत दर्शन-पूजन के लिए पांच महिलाओं ने अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है। उनका वाद सुनने योग्य है या नहीं इसकी सुनवाई चल रही है।