CM योगी नवनिर्वाचित मेयर व पार्षदों से मिले, दिये शुभकामनाएं
गोरखपुर नगर निगम चुनाव- भाजपा की पहली मुस्लिम पार्षद महकीबुन्निशा बनी
विजय चौक से मनु जायसवाल दूसरे सबसे अधिक मतों से जितने वाले पार्षद, परिवार में लगातार पांचवीवार का रिकॉर्ड
वार्ड संख्या-5 बाबा गंभीरनाथ नगर से जीती हकीबुन्निशा
नगर निगम चुनाव के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ा
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में नवनिर्वाचित महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव सहित सभी विजयी भाजपा पार्षदों से मुलाकात किये तथा शुभकामनाएं देते हुये महानगर के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका सिद्ध करने को कहे।
महानगर के वार्ड संख्या-5 बाबा गंभीरनाथ नगर से हकीबुन्निशा ने जीत दर्ज कर नगर निगम चुनाव के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दी है।
इस जीत के साथ उनके नाम गोरखपुर नगर निगम में भाजपा की पहली मुस्लिम महिला पार्षद बनने का रिकार्ड भी दर्ज हो गया है। हकीबुन्निशा ने निर्दलीय प्रत्याशी शाहीन को 647 मतों के अंतर से हराया। हकीबुन्निशा को 2227 तथा शाहीन को 1580 मत प्राप्त हुए। इस वार्ड की अन्य दो प्रत्याशियों में कांग्रेस की हदीशुन्निशा को 1106 तथा बहुजन समाज पार्टी की रेशमा को 865 वोट मिले, जबकि 72 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना। इस बार के चुनाव में भाजपा ने गोरखपुर से मुस्लिम हकीबुन्निशा को ही टिकट दिया था और वह पार्टी की उम्मीदों पर खरी उतरीं। हकीबुन्निशा मानबेला आंदोलन से जुड़े किसान नेता बरकत अली की पत्नी हैं।
सपा से 2458 मत से जीतीं पूर्व डिप्टी नगर प्रमुख भोनू मुस्तफा की पत्नी अलीमुन, पांच से आशा
वार्ड नंबर 32 शहीद अशफाकउल्लाह नगर से सपा की प्रत्याशी ने बड़े अंतर से जीत दर्ज की। इस वार्ड का पहले नाम तुर्कमानपुर था। नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर भोनू मुस्तफा की पत्नी अलीमुन निशा ने भाजपा की प्रत्याशी चंपा को 2458 मतों से हरा दिया। अलीमुन को 3292 और चंपा को सिर्फ 834 मत मिले। तीसरे नंबर पर रही आम आदमी पार्टी के मो. आकिब अंसारी को 120 मत मिले।
दूसरी बड़ी जीत विजय चौक वार्ड के पार्षद मनु जायसवाल के नाम रही। मनु को 2296 और सपा के प्रत्याशी सिरिल राय को 344 मत मिले। मनु ने 1952 मतों से जीत दर्ज की। गौरतलब है कि मनु तीसरी बार विजयी हुये है तो इससे पहले उनके पिता लगातार दो बार पार्षद व उप सभापति रहे। इस तरह से मनु ने पाँचवी वार का रिकॉर्ड बनाया है।
सबसे कम मतों से जीत वार्ड नंबर 46 शक्ति नगर की भाजपा पार्षद आशा श्रीवास्तव के नाम रही। ईवीएम से मतगणना में आशा एक मत से जीतीं थीं। बाद में बैलेट से पड़े सात मतों को मिलाया गया तो आशा पांच मतों से विजेता घोषित की गईं। वार्ड 41 माधोपुर के निर्दल पार्षद जयंत ने भाजपा प्रत्याशी अभिषेक को 30 मतों से हराया।
बागी निवर्तमान पार्षद छट्ठी लाल जीते तो राजेश तिवारी को मिली हार- भाजपा को इस बार नगर निगम चुनाव में शानदार सफलता मिली है, पर अगर कई वार्डों में बागियों ने खेल नहीं बिगाड़ा होता तो कुछ और वार्डों की जीत भाजपा के हिस्से रही होती। धर्मशाला वार्ड के निवर्तमान पार्षद व निर्दल भाजपा के बागी प्रत्याशी छट्ठी लाल उर्फ बबलू गुप्ता की सीट तो सीधे-सीधे भाजपा के हाथ से निकल गई। छट्ठी लाल बीते चुनाव में निर्दल जीतकर भाजपा में शामिल हुए थे और इस बार पार्टी से टिकट के मजबूत दावेदार थे पर पार्टी नेतृत्व ने उनपर भरोसा नहीं जताया। ऐसे में उन्होंने एक बार फिर निर्दल भाग्य आजमाने का फैसला कर लिया और जीत भी मिल गई। अशोक नगर के निवर्तमान पार्षद राजेश तिवारी ने भी भाजपा से टिकट न मिलने पर महिला आरक्षित वार्ड होने के चलते पत्नी सुमन तिवारी को चुनाव मैदान में उतार दिया था। सुमन खुद तो नहीं जीतीं लेकिन उन्होंने भाजपा प्रत्याशी मुक्तकेशी त्रिपाठी की जीत का समीकरण भी बिगाड़ दिया। नतीजतन वह सीट बसपा के हिस्से में चली गई। रानीडीहा वार्ड में निर्दल प्रत्याशी के रूप में जीतने वालीं निर्दल प्रत्याशी रीता देवी भी भाजपा की बागी ही थीं। उनके पति किसान मोर्चा के पदाधिकारी थे। टिकट न मिलने पर उन्होंने अपनी पत्नी को चुनाव लड़ा दिया और जीत भी दिला दी। चूंकि रानीडीहा में भाजपा का क्षेत्रीय कार्यालय है, ऐसे में इस वार्ड से भाजपा को जीत न मिलना चर्चा का विषय रहा। इसके अलावा भी भाजपा के कई बागियों ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष में भाजपा प्रत्याशियों को जीतने नहीं दिया वरना भाजपा के पार्षदों का आंकड़ा 60 के पार भी पहुंच सकता था।