आशाराम को कोर्ट का झटका-अदालत ने माना शिष्या से किये दुष्कर्म
सूरत की युवती से दुष्कर्म मामले में आसाराम को कोर्ट से नही मिली राहत
कोर्ट सुनायेगी मंगलवार को सजा
दिल्ली/गांधीनगर (डेक्स)। आसाराम बापू की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है। पहले से ही दुष्कर्म के मामले में सजा काट रहे आसाराम पर एक दूसरे अन्य दुष्कर्म के मामले की सुनवाईयों के बाद अदालत ने दोषी करार दिया है हालांकि f.i.r. में दर्ज उनकी पत्नी सहित कुल 7 आरोपियों में से 6 आरोपियों को अदालत ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। तो वहीं आसाराम बापू पर महिला के साथ दुष्कर्म का आरोप सिद्ध हुआ है। जिस पर स्थानीय अदालत मंगलवार 31 जनवरी 2023 को अपना फैसला सुनाएगी।
गुजरात गांधीनगर की एक अदालत ने सोमवार को आसाराम बापू को वर्ष 2013 में दर्ज दुष्कर्म के मामले में दोषी ठहराया। सत्र अदालत के न्यायाधीश डीके सोनी ने अपना आदेश मंगलवार यानी कि 31 जनवरी के लिए सुरक्षित रख लिया। मामले में मंगलवार को सजा की घोषणा होगी।अहमदाबाद के चांदखेड़ा पुलिस थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, आसाराम बापू ने 2001 से 2006 के बीच उस महिला से कथित तौर पर कई बार दुष्कर्म किया, जब वह शहर के बाहरी इलाके में स्थित अपने आश्रम में रह रही थी।
विशेष लोक अभियोजक आरसी कोडेकर ने कहा, कि ‘अदालत ने अभियोजन पक्ष के मामले को स्वीकार कर लिया है और आसाराम को धारा 376 2(सी) (दुष्कर्म), 377 (अप्राकृतिक अपराध) और अन्य प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया है।’ मालूम हो कि आसाराम वर्तमान में एक अन्य दुष्कर्म के मामले में जोधपुर की जेल में बंद है।
ज्ञातव्य है कि सूरत की एक महिला ने अक्टूबर 2013 में आसाराम बापू और सात अन्य के खिलाफ दुष्कर्म और अवैध रूप से बंद करने का मामला दर्ज कराया था, जिनमें से एक की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई थी।