माघ की सर्द रात- BHU की छात्राएं कुलपति आवास के बाहर थाली लेकर धरने पर बैठीं
छात्राओं का आरोप मिलता है घटिया खाना
न्यू पीएचडी गर्ल्स हास्टल की सौ से अधिक छात्राएं देर रात तक धरने पर
अरविंद
वाराणसी। बाबा विश्वनाथ की नगरी व मालवी जी के उपवन में माघ मास की कपकपाती ठंठ में छात्राएं थाली के साथ कुलपति आवास गेट पर देर रात तक धरने पर रही। मेस में खाना सही न मिलने, वाईफाई की व्यवस्था न होने के साथ रात 10 बजे के बाद हास्टल में प्रवेश पर पाबंदी के खिलाफ बीएचयू की छात्राओं ने सोमवार रात हल्ला बोल दिया। न्यू पीएचडी गर्ल्स हास्टल की सौ से अधिक छात्राएं कुलपति आवास के बाहर भोजन की थाली लेकर धरने पर बैठ गई। छात्राएं कुलपति से मिलने की जिद पर देर रात तक अड़ी रहीं। इस बीच बीएचयू का कोई बड़ा अधिकारी भी छात्राओं की समस्या सुनने नहीं पहुंचा था।
धरने पर बैठी छात्राओं का आरोप है कि उनसे हास्टल शुल्क के नाम पर हर साल 20 हजार रुपये लिए जाते हैं। इसके बाद भी यहां पर सुविधाओं की कमी है। शुद्ध पेयजल की समस्या पहले से ही है। उसके अलावा वाईफाई की भी व्यवस्था नहीं है। एक मेस में 200 छात्रों के भोजन करने से लंबी कतार लग जाती है। इससे अधिक समय जाया होता है। इस संबंध में कई बार छात्र अधिष्ठाता व हास्टल वार्डन से शिकायत की गई। बावजूद इसके कोई सुनवाई नहीं हुई। मजबूरी में आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ा।
कड़ाके की ठंड के बाद भी छात्राएं खुले आसमान के नीचे कुलपति आवास के बाहर धरना-प्रदर्शन कर रही थीं। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं मानी। उनकी कहना था कि किसी कार्य से बाहर जाने पर देर होती है तो रात 10 बजे के बाद हास्टल में प्रवेश नहीं दिया जाता। यह समस्या बार-बार होती है। चेताया कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।