UAPA के तहत PFI पांच वर्षों के लिये प्रतिबंधित
सात राज्यों में छापेमारी 243 हिरासत में, इससे पहले गुरुवार को 15 राज्यों से 106 गिरफ्तार
कर्नाटक के CM सहित कई मंत्रियों ने किया स्वागत
उत्तर प्रदेश के 26 जनपदों में रेड 57, कर्नाटक में सबसे अधिक 75, दिल्ली निज़ामुद्दीन, शाहीनबाग से 30, महाराष्ट्र से 25, मध्यप्रदेश से 21, गुजरात से 10, असम से 25 हिरासत में
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को एक गैरकानूनी संस्था घोषित करते हुए अगले पांच वर्षो के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। केंद्र की ओर से लगाए गए इस प्रतिबंध में संस्था के सभी सहयोगियों और तमाम मोर्चों को गैरकानूनी घोषित किया गया है। PFI लगातार देश विरोधी गतिविधियों आतंकवादियों को फंडिंग करने, अलगाववादी गतिविधियों में शामिल होने की आशंकाएं के चलते पिछले कई दिनों से सरकारी एजेंसियों ने जबरदस्त नकेल कसा है। ईडी, एनआईए, एटीएस ने बीते गुरुवार को 15 राज्यों में सर्जिकल स्टाइल में रेड किया जिसमे 93 स्थानों से 106 लोगो को गिरफ्तार किया गया है। इस कार्यवाही को लेकर बड़े स्तर पर समुदाय विशेष व उनके तुष्टिकरण में शामिल लोगों द्वारा विरोध भी देखने को मिला।
गुरुवार की छापेमारी में हिरासत में लिये गये लोगो से पूछताछ व बरामद दस्तावेजों के आधार पर मंगलवार को एक साथ सात राज्यों में छापेमारी हुई जिसमें सबसे अधिक कर्नाटक 75, उत्तर प्रदेश के 26 जनपदों से 57, असम से 25, दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र से 30 से अधिक, महाराष्ट्र के 6 जनपदों से 25, मध्यप्रदेश के 8 जनपदों से 21, गुजरात से 10 लोगो को हिरासत में लिया गया है। इस प्रकार से मंगलवार को कुल 243 व बीते गुरुवार को 106 को हिरासत में लिया गया।
एनआईए अधिकारियों के अनुसार अलग अलग अभियोग पंजीकृत होगा। PFI के विरुद्ध पहले से 14 मामलों की जांच हो रही है जिसमे कुल 355 आरोपी है जिनके विरुद्ध चार्जसीट कोर्ट में दाखिल हो चुका है। उधर ईडी ने मनी लांड्रिंग के दो केस दर्ज किये हुए है और दो नये केस दर्ज हो गये है।