गांव जब भी आता हूं तो यहाँ की मिट्टी का तिलक लगाता हु- कोविंद

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कानपुर- परौंख में राष्ट्रपति,पीएम

गांव जब भी आता हूं तो यहाँ की मिट्टी का तिलक लगाता हु- कोविंद

गांव में बसती है भारत की आत्मा- प्रधानमंत्री

प्रतिभाओं का गला घोटता है परिवारवाद- मोदी

व्यूरो
कानपुर। परौंख गांव में राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहुंचे और सबसे पहले पथरी माता मंदिर में पूजन किया। साथ में राष्ट्रपति की पत्नी सविता कोविन्द, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने आंबेडकर पार्क में बाबा साहब डा. भीम राव आंबेडकर की प्रतिमा अनावरण किया। इसके बाद मिलन केंद्र में समूह की महिलाओं से बातचीत की। यहां से गांव का भ्रमण करते हुए कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे और किसान उत्पाद प्रदर्शनी में लाल भिंडी और गृह उत्पाद बुकनू को भी देखा।

कानपुर चकेरी ऐयरपोर्ट से प्रधानमंत्री विशेष विमान से दिल्ली रवाना हुए। वहीं परौंख गांव से राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द और उनकी पत्नी सविता कोविन्द हेलीकाप्टर से कानपुर सिविल एयरोड्रम पहुंचे। राष्ट्रपति कानपुर सर्किट हाउस में रात्रि प्रवास करेंगे। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ के लिए हेलीकाप्टर से रवाना हो गए।
राष्ट्रपति ने कहा, प्रधानमंत्री जी के आगमन से यहां के लोग एक दुर्लभ एतिहासिक घटना के साक्षी बन रहे हैं। मैं जब अपने गांव में आता हूं तो सहज ही मैं यहां की माटी को अपने माथे से लगाता हूं। शायद इस बात से सभी लोग सहमत होंगे कि प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में उसमें अपनी मां और मातृभूमि के लिए श्रद्धा का भाव जीवन पर्यन्त बना रहता है। ऐसा ही भाव मैंने प्रधानमंत्री के जीवन में भी देखा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पैतृक गांव परौंख आगमन पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए स्वागत ज्ञापित किया। कहा, प्रधानमंत्री ने हमारे छोटे से गांव में जनता जनार्दन से मिलने यहां पर आए हैं। यह आपकी सहदृयता और उदारता भी है, आज मेरा गांव आपका ऋणी हो गया है बल्कि मेरा जिला भी अनुग्रहीत हो गया है। कहा, देश को नौ नौ प्रधानमंत्री दिए लेकिन राष्ट्रपति एक भी नहीं लेकिन आज उत्तर प्रदेश के लोगों को गर्व के अनुभूति होती है कि यहां के एक निवासी को पहली बार देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का उत्तरदायित्व प्रदान किया गया। इसका श्रेय प्रधानमंत्री को जाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं तो चाहता हूं कि मजबूत विपक्ष हो, परिवारवाद के शिकंजे में फंसी पाटियां खुद को इससे मुक्त करें और इसका इलाज करें। तभी भारत का लोकतंत्र मजबूत हेागा। देश के युवाओं को राजनीति में आने का ज्यादा से ज्यादा अवसर मिलेगा। खैर, परिवारवाद पार्टियों से मैं कुछ ज्यादा ही उम्मीद कर रहा हूं। मैं जब परिवारवाद के खिलाफ बात करता हूं तो कुछ लोगों को लगता है कि राजनीतिक बयान है, मैं किसी राजनीतिक दल के खिलाफ बात कर रहा हूं ऐसा प्रचार होता है। मैं देख रहा हूं कि जो लोग परिवारवाद की मेरी व्याख्या में सही बैठते हैं वो मुझसे भड़के हुए हैं, गुस्से में हैं। देश के कोने कोने में ये परिवारदवादी मेरे खिलाफ अब एकजुट हो रहे हैं। वो इस बात से भी नाराज हैं कि क्यों देश का युवा परिवारवाद के खिलाफ मोदी की बातों को इतनी गंभीरता से ले रहा है। मैं इन लोगों को कहना चाहता हूं कि मेरी बात का गलत अर्थ न निकालें, मेरी किसी राजनीतिक दल से या व्यक्ति से कोई व्यक्तिगत नाराजगी नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में गांव में पैदा हुआ गरीब से गरीब व्यक्ति भी राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री के पद तक पहुंच सकता है। लेकिन, आज जब हम लोकतंत्र की इस ताकत की चर्चा कर रहे हैं तो इसके सामने खड़ी परिवारवाद जैसी चुनौतियों से सावधान रहने की जरूरत है। ये परिवारवाद ही है, जो राजनीति ही नहीं बल्कि हर क्षेत्र में प्रतिभाओं का गला घोटता है और उन्हें आगे बढ़ने से रोकता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, राष्ट्रपति जी ने अपने पैतृक आवास को ग्राम को दे दिया था, जो आज ट्रेनिंग सेंटर बना है। परौंख विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़ेगा और देश के सामने ग्रामीण विकास का माडल पेश करेगा। हम कहीं भी क्यों न पहुंच जाएं बड़े बड़े शहरों में क्यों न बस जाएं, अगर हमने अपने गांव को जिया है, तो हमारा गांव हमारे भीतर से कभी नहीं निकलता है। वो हमारी रगों में बस जाता है, वो हमारी सोच में हमेशा रहता है। मुझे पता चला कि पांचवीं के बाद उनका दाखिला पांच-छह मील दूर स्कूल में करा दिया गया थ तो वो नंगे पांव दौड़ते हुए जाते थे। ये दौड़ सेहत के लिए नहीं बल्कि इसलिए होती थी गर्मी की तपती धरती से पांव में छाले न पड़ें। पांचवीं में पढ़ने वाला बालक स्कूल के लिए तपती धरती पर नंगे पांव दौड़े जा रहा है, जीवन में ऐसा संघर्ष, ऐसी तपस्या जीवन में इंसान को इंसान बनने में बहुत मदद करती है। आज राष्ट्रपति जी के गांव में आने का अनुभव मेरे लिए सुखद स्मृति की तरह है।

मंच पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी अतिथियों का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने परौंख गांव में आकर राष्ट्रपिता के ग्राम स्वराज की परिकल्पना को साकार करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि देश की एतिहासिक घटना है कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री एक साथ किसी गांव में उपस्थित हुए हैं। उन्होंने भीषण गर्मी में गांव की एक एक जगह का अवलोकन किया है, ये प्रेरणा देने वाला है। परौंख गांव आदर्श गांव बन गया है, डिजिटल गांव बन गया है, यहां हर प्रकार की बुनियादी सुविधाओं का माडल बन गया है।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द को अंगवस्त्र और गीता व प्रतीक चिह्न भेंट करके स्वागत किया। राष्ट्रपति के बड़े भाई रामस्वरूप भारती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अंगवस्त्र, भगवत गीता, जल संरक्षण का स्मृति चिह्न भेंट किया। यूपी की मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति की पत्नी सविता कोविन्द को अंगवस्त्र भेंट किया। केंद्रीय मंत्री भानु प्रताप वर्मा ने राज्यपाल का स्वागत किया। संग्राम सिंह ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।

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