पाकिस्तान की जेल में यौन हिंसा- पूर्व PM इमरान खान के साथ मेजर ने किया दुराचार्य?

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पाकिस्तान की जेल में यौन हिंसा- पूर्व PM इमरान खान के साथ मेजर ने किया दुराचार्य?

सोशल मीडिया पर वायरल रिपोर्ट ने बढ़ाई हलचल, जानें क्या है सच्चाई

 

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इस्लामाबाद (न्यूज एजेंसी)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। इसी दौरान सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को लेकर एक खबर तेजी से फैल रही है। इस खबर में दावा किया जा रहा है कि जेल में उनके साथ अप्राकृतिक यौन शोषण हुआ है। कई सोशल मीडिया यूज़र्स पाकिस्तानी समाचार वेबसाइट ‘डॉन’ की एक रिपोर्ट को शेयर कर रहे हैं, जबकि कुछ ने एक कथित मेडिकल रिपोर्ट भी पोस्ट की है।
एक्स पर वाॅयरल पोस्ट के अनुसार, इमरान खान के साथ एक पाकिस्तानी सेना के मेजर ने यौन उत्पीड़न किया। बताया गया है कि पाकिस्तान की जेलों में पुरुषों के खिलाफ यौन हिंसा आम बात है, जिसका उद्देश्य पीड़ित की गरिमा और आत्मसम्मान को तोड़ना होता है। हालांकि इस दावे की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। इसलिए हम पुष्टि नहीं करते।
बता दें कि इससे पहले भी इमरान खान को लेकर पहले भी कई दावे किए गए थे। जिनमें एक दावा किया गया था कि पीटीआई अध्यक्ष इमरान खान, आंतरिक सचिव यूसुफ खोखर और अमेरिकी राजदूत डोनाल्ड ब्लोम के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत राजदूत ने गिरफ्तारी के मामले में खान को कुछ जमानत देने की पेशकश की है। हालांकि जब इस दावे की जांच की गई तो इसमें कोई सच्चाई नहीं निकली।
जेल में बंद इमरान खान को रिहा करने की मांग तेज- पाकिस्तान की सेना और सरकार इस सोच में डूबी हैं कि भारत, पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब किस प्रकार देगा और पाकिस्तान को इसकी क्या सज़ा भुगतनी पड़ सकती है। इसी दौरान, उन्हें एक और गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ रहा है पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई की मांग बढ़ गई है। हाल के दिनों में शहबाज शरीफ सरकार पर यह दबाव तेजी से बढ़ा है कि वह जेल में बंद इमरान खान को रिहा करे।
गौरतलब है कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री रहे इमरान खान को अप्रैल 2022 में पाकिस्तान की सेना से मतभेद होने के कारण सत्ता से हटा दिया गया था। जेल जाने से पहले उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपों का विरोध करते हुए सेना के खिलाफ व्यापक प्रदर्शन किए थे। उनकी गिरफ्तारी के बाद, उनके समर्थकों ने रावलपिंडी स्थित सेना मुख्यालय और फैसलाबाद में आईएसआई के कार्यालय समेत कई सैन्य ठिकानों पर हमले किए।

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