- इन्तजार की घड़ियां खत्म- दो दिन बाद आसमान से बरसेगा अमृत, ऐसे दरिद्रता से मुक्ति होगी
शरद पूर्णिमा की चांदनी में रखें खीर
खाने से होंगे 5 बड़े लाभ
नई दिल्ली। सनातन धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। यह प्रत्येक वर्ष अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। सनातन पञ्चांग के अनुसार एक वर्ष में कुल 12 पूर्णिमा तिथियां होती हैं। इसमें शरद पूर्णिमा को विशेष महत्व है। शरद पूर्णिमा को रास पूर्णिमा और कोजागर पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के संग महारास रचाये थे। इसलिए इसे रास पूर्णिमा कहते हैं। वहीं शरद पूर्णिमा की रात माता लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करती हैं, जिसे कोजागर पूर्णिमा के नाम से जानते हैं।
शरद पूर्णिमा की रात में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा कर खीर का भोग लगाते हैं और उस खीर को खुले आसमान में आंगन या छत पर रखते हैं। क्या आप जानते हैं कि इस खीर को खाने के लाभ क्या हैं? इस बार कब है शरद पूर्णिमा? शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की किरणों में खीर रखने का समय क्या है? इस बारे में हमारे ज्योतिषाचार्य प्रभु नारायण त्रिपाठी ने बताया कि इसका धार्मिक वैज्ञानिक कारण है। पंचांग के अनुसार इस साल शरद पूर्णिमा अश्विन शुक्ल पूर्णिमा तिथि 16 अक्टूबर बुधवार की रात 8:40 बजे शुरू होगी। यह तिथि अगले दिन गुरुवार 17 अक्टूबर को शाम 4:55 बजे तक मान्य रहेगी। ऐसे में शरद पूर्णिमा का पर्व 16 अक्टूबर 2024 दिन बुधवार को मनाया जाएगा।
शरद पूर्णिमा 2024 खीर रखने का समय- 16 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा का चंद्रोदय शाम में 05:5 बजे पर होगा। शरद पूर्णिमा की रात खुले आसमान के नीचे चंद्रमा की किरणों में खीर रखते हैं। इस साल शरद पूर्णिमा पर खीर रखने का समय रात में 08:40 बजे से है। इस समय से शरद पूर्णिमा का चंद्रमा 16 कलाओं से युक्त होकर अपनी किरणों को पूरे संसार में फैलाएगा।
1 मां लक्ष्मी का मिलेगा आशीर्वाद: शरद पूर्णिमा की खीर बनाकर आप माता लक्ष्मी को भोग लगाएं. फिर उसे खाएं। आप पर माता लक्ष्मी प्रसन्न होंगी।
2 कुंडली में चंद्रमा मजबूत होगा: शरद पूर्णिमा की खीर का सेवन करने से कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है। दूध, चीनी और चावल तीनों ही चंद्रमा से जुड़ी वस्तुएं हैं। यदि शरद पूर्णिमा पर खीर बनाकर दान कर दें तो आपकी कुंडली का चंद्र दोष दूर हो सकता है।
3 सेहत में होगा सुधार: धार्मिक मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की किरणों में अमृत के समान औषधीय गुण होते हैं। चंद्रमा की किरणें जब खीर में पड़ती हैं तो वह खीर भी अमृत के गुणों वाला हो जाता है। शरद पूर्णिमा की खीर खाने से व्यक्ति सेहतमंद होता है और त्वचा की चमक बढ़ती है।
4 रोगों में होगा लाभ: शरद पूर्णिमा की खीर खाने से मन और शरीर दोनों ही शीतल होता है. यह कई रोगों में लाभदायक माना जाता है।
5 इम्युनिटी यानी यादायस्त में होगा सुधार: यदि आप शरद पूर्णिमा पर चांदी के बर्तन में खीर को चांदनी में रखते हैं तो उसके सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हो सकती है।