राष्ट्रीय आयुष साइंटिफिक सेमिनार में मंथन 

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राष्ट्रीय आयुष साइंटिफिक सेमिनार में मंथन 

विभिन्न राज्यों के चिकित्सक शामिल 

लेटेस्ट जानकारियों को किये साझा 

गोरखपुर। प्रथम राष्ट्रीय आयुष साइंटिफिक सेमिनार का आयोजन किया गया, जिसमें भारतवर्ष के विभिन्न राज्यों से लगभग डेढ़ सौ से ज्यादा विशेषज्ञ चिकित्सकों ने अपने लेटेस्ट जानकारियों को साझा किया। सेमिनार का आयोजन उत्तर प्रदेश एचपी होमियोकेयर के संस्थापक डॉ मनीष कुमार पांडेय द्वारा प्रथम राष्ट्रीय आयुष साइंटिफिक सेमिनार का आयोजन किया गया।

भारत सरकार ने चिकित्सा के विभिन्न आयामों को संयुक्त रूप से संगठित करते हुए एक मंत्रालय का गठन किया है जिसे आयुष मंत्रालय का नाम दिया गया है। जिसमे आयुर्वेद, यूनानी, होमियोपैथ, योग, प्राकृतिक चिकित्सा को जो अलग-अलग विधाओं से चिकित्सा सेवा को भारत में समृद्ध बनाने हेतु इस मंत्रालय का गठन किया गया है।

कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि डॉ दिनेश मणि तिवारी ज्योतिषाचार्य ने दीप प्रज्वलन कर ज्योतिष और स्वास्थ्य सुरक्षा विषय पर अपना विचार व्यक्त किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉक्टर श्यामधर तिवारी, राष्ट्रीय अध्यक्ष, सत्यमेव जयते न्यास, प्रयागराज ने योग और ध्यान के माध्यम से स्वास्थ्य सुरक्षा का विषय रखा साथ ही और राष्ट्र में सत्य का राज हो इसके लिए युवाओं से आह्वान किया।

विशिष्ट अतिथि डॉ आयशा अली ने होम्योपैथी में अपने 30 वर्षों का अनुभव साझा करते हुए अपनी बेटी को मात्र 15 दिन में ठीक करने का अनुभव साझा किया और साथ ही होम्योपैथिक के दवा और इलाज पर विशेष विषय रखा।

विभिन्न राज्यों से आए हुए और होम्योपैथी के डॉक्टरों ने अलग-अलग बीमारियों के इलाज में होम्योपैथिक के चमत्कारी प्रभाव पर प्रकाश डाला इसी क्रम में डॉ रवि सिंह एम डी होम्योपैथी,लखनऊ ने बड़े अलग ढंग से इलाज का विषय रखा जिसमें सभी मनुष्यों के बाल के साथ इलाज करने का एक अलग ही स्वरूप दिखाए।

डॉक्टर लुबना कमल बीएचएमएस एचडी भोपाल से आई चिकित्सक ने होम्योपैथी से किडनी फेलियर और कैंसर जैसे रोगों पर दवा के प्रभाव के बारे में बताया और होम्योपैथी से इसके साथ या इलाज कर रही हैं और अनुभवों को साझा किया। इसी क्रम में डॉक्टर पंकज बीएचएमएस एचडी लखनऊ ने होम्योपैथी के माध्यम से हड्डी रोग के बिगड़े हुए रोगों का इलाज संभव बताया और अपने पूर्व के अनुभव को साझा किया। डॉ विशांत राणा एमडी नई दिल्ली ने पित्त की थैली में पथरी के इलाज के लिए दावों की मात्रा और खुराक पर अपना विषय रखा। डॉक्टर रश्मि शुक्ला एमडी होम्योपैथी नागपुर ने इंक्यूरेबल डिसीसिस के बारे में बताया और होम्योपैथी से शतप्रतिशत इलाज के प्रभाव को बताया इसमें कोरोना जैसे बीमारी के जड़ से खत्म करने पर चर्चा किया। डॉ दिव्या दिक्षित एचडी ग्वालियर में अपना विषय रखते हुए लोगों को जड़ से खत्म करने में होम्योपैथी के साथ प्रतिशत सफलता और अलग-अलग शारीरिक क्षमता वाले रोगियों के लिए अलग-अलग मात्रा तय करने से रोगों को शीघ्रता से खत्म करने में होम्योपैथी के प्रभाव पर चर्चा किया।

डॉ अर्चना श्रीवास्तव एचडी लखनऊ ने मानसिक चिकित्सा में होम्योपैथी के उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए अपने अनुभवों को साझा किया प्रभावी दवाओं के बारे में बताया। डॉ विभा एचडी नई दिल्ली ने होम्योपैथी के उज्जवल भविष्य के लिए को रोगों के इलाज के दौरान औषधियों की मात्रा और औषधीय की गुणवत्ता पर अपना विचार रखा। साथी स्त्री रोग विशेषज्ञ में अपना विषय रखते हुए डॉक्टर विवाह मेवाड़ा ने होम्योपैथी के प्रभाव पर प्रकाश डाला।

 

कार्यक्रम में सभी सहभागियों को प्रमाण पत्र वितरण किया गया। मुख्य अतिथि, विशिष्ठ अथिति, अध्यक्ष और सभी वक्ताओं को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के प्रमुख सहयोगियों में डॉ मनोज प्रताप सिंह, डॉ अमर नाथ पांडे, डॉ अंजुम आरा, डॉ उपकार कुमार अग्रहरी, डॉ संध्या सिंह, डॉ मन मोहन पांडे, डॉ अमरेंद्र मोहन मिश्र , शुकदेव मिश्र( अधिवक्ता,सदस्य,राष्ट्रीय कार्यकारिणी, सत्यमेव जयते न्यास, भारत), डॉ सुभोद शुक्ल ,डॉ राजेश मिश्र , डॉ साजिद अंसारी, डॉ कुरशिद अख्तर, डॉ मो•अजहर, डॉ रोशन सिंह, अतुल तिवारी आदि उपस्थित रहे।

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