ज्ञान की बातें- बंद कमरे में हवा में उड़ती हैं कारें

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ज्ञान की बातें- बंद कमरे में हवा में उड़ती हैं कारें

दिलचस्प है फिल्म शूटिंग का ये तरीका

फिल्मों में जब तक एक्शन सीन न हो तब तक कहानी में दम नजर नहीं आता।

रीता त्रिपाठी
नई दिल्ली डेस्क। फिल्मों में जबतक एक्शन सीन न हो तबतक कहानी में दम नही आता। इस एक्शन का बहुत महत्व होता है। मारधाड़ वाले सीन को किस तरह शूट करना है, कहां शूट करना है, ये सब सोचने के लिए मेकर्स, निर्देशक को काफी मेहनत करनी पड़ती है। एक्शन सीन भी उस क्वॉलिटी का दिखाना होता है, जो देखने में सच लगे और बाकी फिल्मों के सीन से कुछ अलग लगे।

बालीवुड व हालीबुड के साथ साउथ की डिल्मों का अभिन्न हिस्सा हैं एक्शन सीन- एक्शन सीन्स आजकल हर फिल्म में होते हैं। इसे अलग-अलग तरीके से दिखाया जाता है। कहीं सिर्फ हीरो और विलेन के बीच की लड़ाई दिखाई जाती है, तो कहीं प्रॉप्स के तौर पर यूज की गई कार-ट्रकों से फिल्म के कैरेक्टर्स एक दूसरे से मुकाबला करते हैं। इसे और रोमांचक बनाने के लिए कार रेस और कार चेस जैसे सीन भी फिल्माए जाते हैं। अगर कुछ कमी रह गई हो या बजट ज्यादा हो, तो मेकर्स गाड़ियों को तिनके की तरह हवा में उछालने से भी गुरेज नहीं करते।

ऐसे शूट होते हैं एक्शन सीन?- इस तरह के सीन में विलेन का बॉडी स्ट्रक्चर, उसकी ठसक और उसकी रौबदार चाल बहुत मायने रखती है। कैरेक्टर्स से हटकर मेकर्स यूज किए गए प्रॉप्स का भी पूरा फायदा उठाते हैं। आपने रोहित शेट्टी की फिल्मों में कारों का हवा में उड़ना या उनका ब्लास्ट होते सबसे ज्यादा देखा होगा। ऐसे सीन देख ऐसा लगता है कि इन कारों को सच में उड़ाया जाता है। लेकिन ऐसा नहीं होता।

इस तकनीक से उड़ती हैं कारें- जिन गाड़ियों को फिल्म में एक ब्लास्ट में उड़ा दिया जाता है, उनके लिए आउटडोर शूटिंग की जरूरत नहीं पड़ती। इस तरह के सीन को एक बंद कमरे में शूट किया जाता है। क्रोमा या ग्रीन कर्टन की मदद से ये सीन पूरे किए जाते हैं। इस दौरान जिन गाड़ियों को लेकर ऐसे सीन पूरे होते हैं, उनमें न तो कार असली होती है, न लोकेशन।

टेप से जोड़ी जाती हैं कारें- जिस कार को उड़ाना होता है, उसे महीन डोरी से बांध दिया जाता है। एक साथ, एक कतार में चलती कार दिखाने के लिए बाकी गाड़ियों को टेप से जोड़कर खींचा जाता है। इसमें छोटी दिखने वाली गाड़ियों का इस्तेमाल किया जाता है। इसके बाद सीन शूट होता है। फिर भी यह सारी मेहनत यहीं खत्म नहीं होती। इसके बाद होती है एडिटिंग, जिसमें एक्स्ट्रा सीन को काट कर इसे फाइनली फिल्म में एड किया जाता है।

शूट के बाद कहां जाती हैं कारें?– ज्यादातर फिल्मों में कार के साथ एक्शन सीन क्रोमा पर ही शूट किए जाते हैं। शूटिंग के बाद इन कारों को वर्कशॉप में भेज दिया जाता है। ये वो कारों होती हैं, जो अंदर से कैसी भी हों, बाहर से इन्हें साफ सुथरा और चमकीला बनाया जाता है। एक्शन सीन की शूटिंग में किसी भी नई कार का इस्तेमाल नहीं किया जाता।

 

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