मिशन शक्ति से आधी आबादी को पूरी सुरक्षा की प्रतिबद्धता
*21 जुलाई से 7 अगस्त तक विशेष अभियान में जागरूक किए गए 138714 लोग
*स्कूल, कॉलेज, बाजार, गांव तक आयोजित हुए 3713 विशेष जागरूकता कार्यक्रम
गोरखपुर। आधी आबादी को पूरी सुरक्षा मुहैया हो, इसके लिए समाज की जागरूकता बेहद जरूरी है। सुरक्षित होने पर ही महिला स्वावलंबन की तरफ कदम बढ़ाकर अपने हिस्से के सम्मान पर हक जता सकेगी। महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन की ध्येय वाली मिशन शक्ति का सबसे महत्वपूर्ण आयाम भी जागरूकता भी है। महिलाओं की सुरक्षा और इस संबंध में पुरुषों को सचेत करने के लिए गोरखपुर पुलिस ने मिशन शक्ति के तहत 21 जुलाई से 7 अगस्त तक विशेष अभियान चलाकर कुल 1 लाख 38 हजार 714 लोगों को जागरूकता का मंत्र दिया है। विशेष अभियान के 18 दिनों में ही यह संख्या मिशन शक्ति को लेकर पुलिस की संजीदगी तो दिखाती है।
मिशन शक्ति का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 17 अक्टूबर 2020 को शारदीय नवरात्र के पहले दिन किया था। मकसद था आधी आबादी की सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलंबन। यकीनन यह मकसद पूरा भी हो रहा है। मिशन शक्ति का तीन साल से भी कम समय में व्यावहारिक असर इस रूप में देखा जा सकता है कि आधी आबादी अपने खिलाफ होने वाली हिंसा, उत्पीड़न और अत्याचार के खिलाफ मुखर हुई है। उसे सुरक्षा के प्रति यकीन बढ़ा है और आज वह बेखौफ स्कूल, कॉलेज, बाजार आती-जाती है। कभी-कभार कोई घटना हो भी गई तो जागरूकता से आई मुखरता से अपराधी को कानूनन सजा मिलनी भी तय है।
मिशन शक्ति के अंतर्गत पूरे प्रदेश की भांति गोरखपुर में भी सभी थानों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गयी है। महिलाओं एवं बालिकाओं संबंधी अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने तथा उनमें सुरक्षा की भावना जागृत करने के उद्देश्य से सभी थानों में महिला बीट गठित की गई है। इसका मकसद यह है कि महिलाएं, महिला पुलिसकर्मियों से खुलकर अपनी समस्या बता सकें। वास्तव में मिशन शक्ति सिर्फ योजना नहीं बल्कि सीएम योगी का संकल्प है। पुलिस इस बात को बखूबी समझती है। इसी कारण, सर्वाधिक जोर सुरक्षा जागरूकता पर है। इसके लिए अभियान भी चलते रहते हैं।
गोरखपुर में पुलिस ने स्कूल, कॉलेजों, गांवों, सार्वजनिक स्थानों पर विशेष अभियान चलाकर 3713 जागरूकता कार्यक्रम किए हैं। इन कार्यक्रमों के जरिये 138714 लोगों (महिला-पुरुष) जागरूक किया गया। इसमें अकेले बाजारों में जागरूक की गईं महिलाओं की संख्या 38487 और पुरुषों की संख्या 21407 है। जागरूकता कार्यक्रमों में महिलाओं को जहां सुरक्षित माहौल और संकट में शासन-प्रशासन के साथ का भरोसा दिया जा रहा है तो वहीं पुरुषों को भी मिशन शक्ति के उद्देश्यों की जानकारी दी जा रही है। स्कूल-कॉलेजों में छात्राओं को किसी भी घटना पर चुप न रहने को प्रेरित किया जा रहा है तो साथ ही स्कूलों के बाहर सड़क पर बेवजह विचरण करने वाले लोगों को चेतावनी भी दी जा रही है कि छेड़खानी जैसी घटना पर गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
एसपी क्राइम इंदुप्रभा सिंह बताती हैं कि मिशन शक्ति के जागरूकता कार्यक्रमों से बालिकाओं और महिलाओं का मनोबल और आत्मविश्वास लगातार बढ़ा है। स्कूल, कॉलेज से लेकर गांवों तक यह विश्वास बढ़ा है कि पुलिस उनकी सुरक्षा को लेकर मुस्तैद है। जागरूकता कार्यक्रमों में बालिकाओं व महिलाओं को उनकी सुरक्षा को लेकर हेल्पलाइन नम्बरों की जानकारी तो दी ही जाती है, उन्हें महिलाओं को लेकर शासन की तरफ से चलाई जा रही योजनाओं की भी जानकारी दी जाती है।