महिला दरोगा ने दिखाया साहस, नदी में कूदे वारंटी को बचाने के लिए लगाई छलांग
रेखा रानी, उपनिरीक्षक ने नदी में छलांग लगा कर वारंटी बलवीर सिंह को बचाया
गणतंत्र दिवस के दिन किया जायेगा सम्मान
रामपुर (बिलासपुर)। वारंटी नदी में डूब रहा था तो वहां मौजूद अन्य पुलिसवाले खड़े रहे, लेकिन रेखा ने साहस दिखाया और नदी में कूदकर उसकी जान बचाई। घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया।
अक्सर मोबाइल पर व्यस्त रहने और विभाग पर बोझ के ताने सुनने वाली महिला पुलिसकर्मी भी वक्त आने पर जान की बाजी लगा सकती हैं। जांबाजी का परि परिचय दे सकती हैं, महिला दारोगा ने यह बखूबी साबित करके दिखा दिया।
पुलिस एक वारंटी को पकड़ने के लिए उसके पीछे लगी थी मगर, खौफ के मारे उसने नदी में छलांग लगा दी। फिर क्या, देखते ही देखते आरोपित पानी में डूबने लगा वह तैरना नहीं जानता था। उसने बचने के लिए काफी हाथ-पांव मारे लेकिन, लगातार नदी की गहराई में समाने लगा। वहीं, किनारे पर खड़े पुलिकर्मी बचाने के बजाय मूकदर्शक बने खड़े रहे। एक जिंदगी को यूं खतरे में देख टीम में शामिल महिला दारोगा से नहीं रहा गया और वारंटी को बचाने के लिए नदी में छलांग लगा दी। उन्होंने न केवल उसकी जान बचाई बल्कि गिरफ्तार करके हवालात में डाल दिया। दारोगा की इस बहादुरी के अधिकारी भी कायल हो गए। उन्होंने गणतंत्र दिवस पर सम्मानित करने का फैसला किया है।
बीते सोमवार को पुलिस ने न्यायालय के आदेशों का पालन करते हुए वारंटियों की धरपकड़ को अभियान चलाया। इसी के अंतर्गत कोतवाली में तैनात उपनिरीक्षक रेखा रानी कुछ सिपाहियों को लेकर गांव सदराखेड़ा पहुंच गईं। प्रधान के पति के भाई बलवीर सिंह का वारंट होने पर उसे गिरफ्तारी करने को दबिश दी। पुलिस ने जैसे ही उसके मकान पर दस्तक दी तो वारंटी घबरा गया और भागने का प्रयास करने लगा। पुलिसकर्मी भी उसके पीछे दौड़ने लगे। इसी बीच वारंटी ने घबराहट में पुलिस से बचने के लिए गांव के बराबर से ही बह रही नदी में छलांग लगा दिया।
एसआइ रेखा रानी ने बताया कि गांव सदराखेड़ा निवासी वारंटी बलवीर सिंह के घर पर सवेरे नौ बजे दबिश दी थी। इस दौरान वह पुलिस को देखकर मकान के पिछले दरवाजे से भागने लगा। वह और अन्य पुलिसकर्मी उसका पीछा करने लगे। इसी बीच बलवीर भागते हुए गांव में बहने वाली डकरा नदी में जाकर कूद गया और बचाव के लिए चिल्लाने लगा। हमें लगा कि वह डूब रहा है। इस पर उसे बचाने के लिए वर्दी पहने ही छलांग लगा दी और उसे डूबने से बचा लिया। बाद में बाहर लाकर उसे काफी देर तक समझाया। इसके बाद वह शांत हो गया। तब उसे कोतवाली ले जाया गया।