न्यूयॉर्क: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा में आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान का नाम लिए हुए बिना जमकर सुनाया। साथ ही उन्होंने आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में चीनी अड़ंगे के लिए ड्रैगन को बेनकाब किया। आपको बता दें कि चीन अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल कर अक्सर आतंकवादियों को संयुक्त राष्ट्र की ब्लैक लिस्ट में शामिल करवाने के भारत के प्रयास में टांग अड़ाता रहता है। विदेश मंत्री ने कहा, ‘जो भी देश घोषित आतंकवादियों की रक्षा के लिए यूएनएससी 1267 प्रतिबंध शासन का राजनीतिकरण करते हैं, वे अपने जोखिम पर ऐसा करते हैं।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जगह पर जयशंकर ने यहां पर मोर्चा संभाला था और महासभा को पीएम की तरफ से संदेश दिया। जयशंकर ने इस मंच से दुनिया को बताया कि भारत एक देश के तौर पर उस स्थिति में आ चुका है जहां वह बड़ी से बड़ी जिम्मेदारी को आसानी से उठाने में सक्षम है।
चीन पर साधा निशाना
एस जयशंकर ने चीन की कर्ज नीति का नाम लिए बिना उस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘भले भारत दुनिया की बेहतर के लिए योगदान करने में लगा हुआ है लेकिन अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य में जो गिरावट आ रही है, हम उसे भी पहचानते हैं। दुनिया पहले ही कोविड-19 की आर्थिक चुनौतियों से जूझ रही है। विकासशील देशों में कर्ज की जो स्थिति है वह काफी अनिश्चित है।’ इसके बाद उन्होंने आगे कहा, ‘कुछ देशों में हालात कोविड महामारी और आपसी संघर्ष की वजह से काफी बिगड़ गए हैं।’ जयशंकर का इशारा श्रीलंका की तरफ था।