आज से पितरों को तर्पण, इस बार 15 नही 16 दिन का है पितृपक्ष

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आज से पितरों को तर्पण, इस बार 15 नही 16 दिन का है पितृपक्ष

16 वर्ष बाद पितृपक्ष में बन रहा विशेष योग

पितृदोष से छुटकारा पाना है है तो करें यह कार्य

गोरखपुर (पं प्रभुनाथ तिवारी)। शनिवार (10 सितम्बर) से पितृपक्ष की शुरुआत हो रहा है। इस बार 15 नही 16 दिन का होगा पितृपक्ष जो 16 वर्षो के बाद विशेष संयोग लेकर आया है। ज्योतिषों के अनुसार ऐसा संयोग करीब 16 साल बाद आया है। पितृपक्ष के दौरान मांस मदिरा, लहसुन प्याज का सेवन वर्जित है।
पितृपक्ष में आपके पितृ देव देवी अपने वंशजो से मिलने गोलोक से आते है इस लिये ब्रम्हकाल में अवश्य जग जाये और अपने घर की सफाई व अन्य कार्य करें जिसे देख पित्र प्रश्नय होते है और अपने कुल के मान सम्मान यश कीर्ति में बृद्धि का आशीर्वाद देते है साथ ही पितृदोष से मुक्ति मिलती है।
पितृपक्ष के दौरान पितरों का श्राद्ध और तर्पण किया जाता है। इन दिनों पितरों का श्राद्ध करने से वह जल्द प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। इसके साथ ही पितृदोष जैसी समस्याएं भी समाप्त हो जाती है।
शनिवार 10 सितंबर 2022- पूर्णिमा का श्राद्ध/ प्रतिपदा का श्राद्ध- जिनकी मृत्यु प्रतिपदा को हुआ है, उनका श्राद्ध इस दिन किया जाएगा।11 सितंबर 2022- द्वितीया का श्राद्ध- जिनकी मृत्यु द्वितीया तिथि को हुई हो। उनका श्राद्ध किया जाएगा।12 सितंबर 2022- तृतीया का श्राद्ध होगा, जिनकी मृत्यु तृतीया तिथि को हुई हो, उनका इस दिन श्राद्ध होगा।13 सितंबर 2022- चतुर्थी का श्राद्ध- जिनकी मृत्यु चतुर्थी तिथि को हुआ हो उनका श्राद्ध इस दिन होगा।14 सितंबर 2022- पंचमी का श्राद्ध- अविवाहित या पंतमी तिथि को मरे लोगों का श्राद्ध किया जाता है। 15 सितंबर 2022- षष्ठी का श्राद्ध- जिनकी मृत्यु षष्ठी तिथि को हुआ हो उनका श्राद्ध होता है।
आगामी 16 सितंबर 2022- सप्तमी का श्राद्ध- सप्तमी तिथि को मरे लोगों का श्राद्ध होगा। 17 सितंबर – इस दिन कोई श्राद्ध नहीं है। 18 सितंबर 2022- अष्टमी का श्राद्ध- अष्टमी तिथि को मरे लोगों का श्राद्ध होगा। 19 सितंबर 2022- नवमी श्राद्ध- सुहागिन महिलाएं, माताओं का श्राद्ध इस दिन किया जाता है। इसी कारण इसे मातृ नवमी श्राद्ध कहा जाता है। 20 सितंबर 2022- दशमी का श्राद्ध -दशमी तिथि को मरे लोगों का किया जाता है। 21 सितंबर 2022- एकादशी का श्राद्ध- इस दिन संन्यासियों का श्राद्ध करना शुभ होता है। 22 सितंबर 2022- द्वादशी/संन्यासियों दशमी का श्राद्ध – का श्राद्ध- इस तिथि को अज्ञात तिथि वाले संन्यासियों का श्राद्ध किया जायेगा। 23 सितंबर 2022- त्रयोदशी का श्राद्ध- इस दिन त्रयोदशी या अमावस्या के दिन मृत बच्चों का श्राद्ध होता है। 24 सितंबर 2022- चतुर्दशी का श्राद्ध- अकाल मृत्यु वाले लोगों का श्राद्ध होता है। 25 सितंबर 2022- अमावस्या का श्राद्ध, सर्वपितृ अमावस्या, सर्वपितृ अमावस्या का श्राद्ध होता है जिसमे जिन पितरों की तिथि याद न हो या दूसरे दिन श्राद्ध करना भूल गए हैं, तो सर्वपितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध करना शुभ होगा।

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