जिलाधिकारी ने मॉडल गांव के लिए निर्गत किये छः करोड़ 33 लाख की क्रेडिट लिमिट

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जिलाधिकारी ने मॉडल गांव के लिए निर्गत किये छः करोड़ 33 लाख की क्रेडिट लिमिट

ठोस-तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर खर्च होगी धनराशि

गोरखपुर। मॉडल गांव विकसित किये जाने, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन हेतु 6 करोड़ 33 लाख 74 हजार 772 रुपए की जिलाधिकारी ने क्रेडिट लिमिट जारी की।
जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेस 2 के जनपद स्तर पर गठित जिला स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण समिति के बतौर अध्यक्ष 13 ग्राम पंचायतों के 17 राजस्व ग्रामों में कुल 6 करोड़ 33 लाख 74 हजार सात सौ ₹72 की धनराशि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के ग्राम पंचायतों के एस एन ए अकाउंट में निदेशक पंचायती राज की अनुमति के उपरांत स्वीकृति जारी कर दी है। इन ग्राम पंचायतों में 5000 की अधिक आबादी वाली ग्राम पंचायत होने की वजह से भारत सरकार एवं शासन के शासनादेश के अनुपालन में जनपद की 76 ग्राम पंचायतों के कुल 98 राजस्व ग्राम में ग्राम स्वच्छता कार्य योजना 2021-22 तैयार कराया गया है। जिसकी ग्राम सभाओं की खुली बैठक कर ग्राम सभाओं में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना के अंतर्गत फेज टू में ओडीएफ प्लस बनाए जाने के निमित्त ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन में निर्धारित कार्य के अनुरूप कार्य योजना तैयार कर स्वीकृति प्रदान की गई है। तत्पश्चात सभी 17 राजस्व ग्रामों के 13 ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधान एवं पंचायत सचिव, सफाई कर्मचारी एवं पंचायत सहायक द्वारा निदेशक पंचायती राज की अध्यक्षता में गठित समिति के समक्ष पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से ग्राम स्वच्छता कार्य योजना का प्रस्तुतीकरण भी किया जा चुका है। कार्ययोजना प्रस्तुतीकरण में दिए गए कमेटी द्वारा सुझाव को स्वीकार करते हुए जनपद स्तर पर पुनः संशोधित करते हुए कार्य निदेशक पंचायती राज को प्रस्तुत की गई तथा जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर द्वारा 17 राजस्व ग्रामों की कार्य योजना शासन को प्रस्तुत करते हुए धनराशि निर्गत किए जाने हेतु मांग किए जाने के उपरांत शासन द्वारा धनराशि निर्गत किए जाने की अनुमति प्रदान कर दी गई है। जिसके अनुपालन में जिला स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश के द्वारा 17 राजस्व ग्रामों की 13 ग्राम पंचायतों में धनराशि निर्गत की जाने की स्वीकृति प्रदान करते हुए ग्राम पंचायतों को धनराशि क्रेडिट लिमिट जारी कर दी गई है। शेष 81 राजस्व ग्राम में कार्यवाही किए जाने हेतु गांव का प्रस्तुतीकरण किया जा चुका है। कार्य योजना जिला पंचायत राज अधिकारी स्तर तक प्राप्त हो चुकी है। शीघ्र ही अन्य औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए शासन को प्रेषित कर दिया जाएगा।

ये विकास खंड एवं ग्राम पंचायतें हुये लाभन्वित जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर ने बताया कि क्रेडिट लिमिट जारी किए जाने वाली ग्राम पंचायतों में विकासखंड पिपराइच के ग्राम पंचायत रुद्रापुर में 4306000 एवं भैसहा में 56 लाख 96 हजार विकासखंड सरदारनगर की ग्राम पंचायत शत्रुघ्नपुर में 3533200 विकासखंड भटहट की ग्राम पंचायत जौनपुर में 74 लाख 21 हजार ₹50 विकासखंड जंगल कौड़िया में 5927100 विकासखंड भरोहियां की ग्राम पंचायत कल्याणपुर में 33 लाख विकासखंड कैंपियरगंज की ग्राम पंचायत इंदरपुर में 4076696 एवं विकासखंड सहजनवा की ग्राम पंचायत भीटी रावत में 5247234 रुपए विकासखंड ब्रह्मपुर की ग्राम पंचायत जंगल रसूलपुर नंबर 2 में 8221160 रुपए एवं विकास खंड कैंपियरगंज की ग्राम पंचायत राजपुर में 3445800 मोहम्मदपुर उर्फ जंगल बब्बन में 3802000 विकासखंड बड़हलगंज की ग्राम पंचायत मुहालजलकर में 3330450 रुपए एवं विकास खंड उरुवां की ग्राम पंचायत भदार खास में 4795000 की धनराशि निर्गत की गई है। इस धनराशि से ग्राम पंचायतों के द्वारा ग्राम पंचायतों के समुदाय स्तर पर समस्याओं का निराकरण किया जाएगा। जैसे ग्राम पंचायत में सामुदायिक स्तर पर बेकार जल की निकासी का प्रबंधन किया जाएगा साथ ही सामुदायिक स्तर पर गांव में कंपोस्ट पिट तैयार कर गांव के गोबर रखने एवं कूड़े के उचित प्रबंधन की व्यवस्था की जाएगी ग्राम पंचायत में ई-रिक्शा का पर भी का भी प्रावधान किया गया है जिस पर की ग्राम पंचायतों के द्वारा डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन कर एकत्रीकरण किया जाएगा। ग्राम पंचायत में कूड़ा घर का निर्माण करा कर कूड़ा पृथकीकरण केंद्र पर कूड़े को अलग-अलग प्रकार से सेग्रीगेट किया जाएगा। जगह जगह पर समुदाय का स्तर पर डंपिंग यार्ड तैयार किया जाएगा। निर्धारित मात्रा में कार्य योजना के अनुसार कचरा पात्र की व्यवस्था की जाएगी। बेकार जल की निकासी के लिए भूमिगत नाली का निर्माण भी किया जाएगा। नालियों के निर्माण में जंक्शन चेंबर फिल्टर चेंबर एवं सिल्क कैचर का भी निर्माण कराया जाएगा, लोगों के व्यवहार परिवर्तन के लिए भी अगले 1 साल तक जागरूकता के कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे। गांव स्तर पर लोगों को जागरूक किए जाने हेतु वॉल पेंटिंग एवं चित्र लेखन का भी कार्य कराया जाएगा। कूड़े की पहचान किए जाने के लिए गांव स्तर पर प्रशिक्षण का भी कार्यक्रम आयोजित होगा। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को विशेष भागीदारी एवं इसके क्रियान्वयन में जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, ग्राम पंचायत में मासिक धर्म धर्म प्रबंधन के दौरान ग्राम पंचायतों के खुले स्थानों पर फेंके जाने वाले सेनेटरी पैड, हगीज, मास्क इत्यादि के डिस्पोजल हेतु सेनेटरी इंस्पेक्टर नैपकिन यानि भसमक की भी व्यवस्था की जाएगी। इस धनराशि को बयां करने के लिए वित्तीय नियमों का भी पालन कराया जाएगा। प्रत्येक कार्य का अलग-अलग पत्रावली ग्राम पंचायतों के द्वारा तैयार किया जाएगा एवं वित्तीय नियमों के अनुरूप सक्षम स्तर पर धनराशि की वित्तीय स्वीकृति भी प्राप्त की जाएगी। कार्य पूर्ण के पश्चात भारत सरकार की वेबसाइट पर मोबाइल ऐप के माध्यम से जियो टैग सुनिश्चित कराया जाएगा तथा कराए गए कार्य की कार्य पूर्ति भी जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में जमा की जाएगी। प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिए जनपद स्तरीय 11 नोडल अधिकारी नामित किए जाएंगे जिनके पर्यवेक्षण में अगले 1 साल तक के भीतर समस्त कार्य योजना के अनुरूप कार्यों का क्रियान्वयन किया जाएगा। धनराशि की निकासी ग्राम पंचायत के एसएन अकाउंट से पंचायत सचिव एवं ग्राम प्रधान के माध्यम से संबंधित फार्म अथवा कार्यदाई संस्थाओं को भुगतान किया जाएगा।
योजना के अतिरिक्त अन्य जो कार्य कराए जाएंगे वह व्यक्तिगत तौर पर ग्राम पंचायत तक के ग्राम निधि प्रथम से 15 वित्त आयोग की टाइट फंड से किया जाएगा। साथ ही ग्राम पंचायत में तैयार किए गए कार्य योजना के अनुसार मनरेगा अंश की धनराशि का भी व्यक्तिगत लाभार्थियों के सदुपयोगी जैसे व्यक्तिगत सोकपिट का निर्माण ग्राम पंचायत के द्वारा कराया जाएगा।
*कार्य योजना के इतर कोई भी कार्य स्वीकार नहीं*
जिला पंचायत राज अधिकारी हिमांशु शेखर ठाकुर ने बताया कि कार्य योजना के इतर कोई भी कार्य स्वीकार नहीं किया जाएगा, कार्य कराए जाने की समय अवधि कार्य योजना स्वीकृति के अगले एक वर्ष के भीतर होगी। विकासखंड स्तर पर सहायक विकास अधिकारी पंचायत की अध्यक्षता में खंड प्रेरक एवं अन्य अधिकारियों द्वारा भी इसकी निरंतर निगरानी की जाएगी। जनपद स्तर पर ओ डी एफ वॉर रूम से प्रत्येक ग्राम पंचायत की कार्य योजना के अनुसार फोटो अपलोडिंग ओडीएफ प्लस घोषित करने तथा कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र इकट्ठा कर भारत सरकार को प्रेषित किया जाएगा।
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना के जिला समन्वयक बच्चा सिंह के द्वारा बताया गया कि ग्राम पंचायतों द्वारा तैयार की गई कार्य योजना भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा दिए गए शासनादेश के अनुरूप तैयार किया गया है। कार्य की निगरानी मुख्य विकास अधिकारी के स्तर से नियमित समीक्षा के दौरान की जाएगी।

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