ज्ञानवापी- श्रृंगार गौरी मामला, गुरुवार को होगी सुनवाई
शिवलिंग की नाप, दीवार तोड़कर तहखाने का निरीक्षण और मछली सुरक्षा के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई 19 मई को
अरविंद
वाराणसी। वीते दिवस सोमवार को सर्वे के दौरान ज्ञानवापी में शिवलिंग की नाप, दीवार तोड़कर तहखाने का निरीक्षण, मछलियों के सुरक्षा तथा पश्चिमी क्षेत्र में मलवे को हटा कर श्रृंगार गौरी तक सर्वे के कार्य पूर्ण करने के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई बुधवार को होनी थी जो अधिवक्ताओं के हड़ताल के कारण नही हुआ अब यह सुनवाई गुरुवार को होगी।
ज्ञानवापी शृंगार गौरी प्रकरण में मुकदमे की वादी रेखा पाठक, मंजू व्यास, सीता साहू ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर तहखानों में रखे मलबे व कमरानुमा संरचना की दीवार हटा कर सर्वे की मांग की है। अदालत ने इस पर सुनवाई के लिए 19 मई की तारीख तय की है। वहीं शासकीय अधिवक्ता महेंद्र प्रसाद पांडेय की ओर से दायर प्रार्थना पत्र, जिसमें उन्होंने सील किए गए वजूखाने में मौजूद मछलियों को सुरक्षित स्थानांतरित करने समेत अन्य मांग की है।ज्ञानवापी शृंगार गौरी प्रकरण में वादी रेखा पाठक, मंजू व्यास, सीता साहू ने अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है। इनके अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि 16 मई को एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान मस्जिद परिसर में जहां शिवलिंग मिला है उसके पूरब तरफ दीवार में दरवाजा है। इसे ईंट-पत्थर व सीमेंट से जोड़ाई कर बंद कर दिया गया है। नंदी के मुंह की तरफ जो तहखाना है उसमें मलबा पड़ा हुआ है। इसके उत्तर में दीवार खड़ा करके शिवलिंग को ढंकते हुए सीमेंट से जोड़ दिया गया है। यह भी कहा कि बैरिकेडिंग के अंदर पश्चिम दीवार पर दरवाजे को ईंट-पत्थर सीमेंट से बंद कर दिया गया है। उन्होंने मांग किया कि दीवार व मलबे को हटाकर एडवोकेट कमिश्नर की कार्यवाही करते हुए शिवलिंग की लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई के बाबत रिपोर्ट मंगाई जाए।
जिला शासकीय अधिवक्ता (सिविल) महेंद्र प्रसाद पांडेय ने इस आशय का प्रार्थना पत्र दिया कि न्यायालय के आदेश पर कार्यवाही करते हुए विवादित स्थल और नौ जालीदार दरवाजों को सील करके चाबी कोषागार में जमा कर दी गयी है। जिस परिसर को सील किया गया है। उसके अंदर निर्मित तालाब में पानी भरा हुआ है जिसमें कुछ मछलियां हैं। परिसर सील होने के कारण मछलियों के जीवन पर संकट आ गया है। ऐसे में उन्हें स्थानांतरित करने के बाबत निर्देश दिया जाए। इसके साथ ही सील किए गए क्षेत्र में चारों तरफ पाइप लाइन व नल लगा है। इसका उपयोग नमाजी वजू करने के लिए करते हैं। पाइप लाइन को सील क्षेत्र से अलग करना जरूरी है। यहां मौजूद शौचालय में प्रवेश के लिए कोई अन्य रास्ता नहीं है। इन बिंदुओं पर एडवोकेट कमिश्नर की रिपोर्ट प्राप्त करके आदेश जारी किया जाए। अदालत ने इस प्रार्थना पत्र पर भी सुनवाई के लिए अब 18 के बदले 19 मई की तिथि तय की है।