वर्ष का पहला चन्द्र ग्रहण सोमवार को
भारत मे नही दिखेगा ग्रहण, नही लगेगा सूतक
गोरखपुर। वर्ष 2022 में दो सूर्य ग्रहण तथा दो चंद्र ग्रहण लगने है जिसमें पहला सूर्यग्रहण बीते अप्रैल माह में लग चुका है दूसरा आगामी नवंबर में लगने वाला है। इसी तरह पहला चंद्र ग्रहण आगामी सोमवार यानी 16 मई को लगने जा रहा है तथा दूसरा चंद्र ग्रहण आगामी 8 नवंबर को लगेगा।
गोरखपुर के सहगौरा निवासी पंडित प्रभु नाथ तिवारी ने बताया कि पहला चंद्र ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा इसलिए यहां इसका सूतक काल प्रभावी नहीं होगा। यह ग्रहण दक्षिणी-पश्चिमी यूरोप, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, उत्तरी अमेरिका के कई हिस्सों, प्रशांत महासागर, अटलांटिक और अंटार्कटिका महादीप में दिखाई देगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण को अशुभ माना जाता है. इस दौरान कई कार्य करना वर्जित होते है. चन्द्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा के दिन ही लगता है. लेकिन हर पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण नहीं हो सकता है।
★ चंद्र ग्रहण काल कब से कब तक है★
भारत के समयानुसार सोमवार 16 मई को चंद्र ग्रहण सुबह 08 बजकर 59 मिनट से लेकर 10 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा।
भारत में इस चंद्र ग्रहण की दृश्यता शून्य होगी, इसलिए यहां इसका सूतक काल नहीं लगेगा। ज्योतिष के अनुसार इस चन्द्र ग्रहण का असर विभिन्न राशियों पर भिन्न भिन्न पड़ने वाला है।
चंद्रग्रहण का सबसे अधिक नकारात्मक प्रभाव मेष, तुला, वृश्चिक राशि के जातकों पर पड़ेगा। इन राशि के जातक ग्रहण के बाद आने वाले 15 दिनों तक विशेष सावधानी बरतें, विशेकर स्वास्थ्य के मामले में।
अब बात करते किस राशि पर शुभ असर पड़ने जा रहा है- मिथुन, कर्क, कन्या, एवं मकर राशि के व्यक्तियों के लिए चन्द्रग्रहण लाभदायक परिणाम प्रदान करेगा। बाकी की राशियों के लिए चन्द्रग्रहण का प्रभाव सम रहेगा।
ग्रहण के दौरान कौन से कार्य करें कौन से नही- सूतक काल के दौरान घर के मंदिर के कपाट बंद कर दें, ताकि देवी-देवताओं पर ग्रहण की काली छाया न पड़ें। मंदिर अथवा घर के मंदिर के देवी-देवताओं की मूर्ति को स्पर्श न करें। नैवेद्य या भोजन अर्पित नहीं किया जाता है। दातून न करें। कठोर वचन बोलने से बचें। बालों व कपड़ों को नहीं निचोड़ें। ग्रहण काल में वस्त्र न फाड़ें, कैंची का प्रयोग न करें। इस अवधि में घास, लकड़ी एवं फूलों को नही तोड़ना चाहिए। यदि गंगा जल न हो तो किसी पात्र में जल लेकर तीर्थों का आवाहन करके सिर सहित स्नान करें, स्नान के बाद बालों को न निचोड़ें। गाय, बकरी एवं भैंस का दूध दोहन न करें। शयन और विशेष आवश्यक न हो तो यात्रा न करें। चंद्र ग्रहण के दिन गर्भवती महिलाओं को विशेष तौर से अपनी सेहत का खास ध्यान रखना चाहिए। सूतक लगने के बाद पूजा पाठ न करें। ग्रहण के दौरान कई शुभ कार्यों को वर्जित माना जाता है।
इस दौरान प्रभु के नाम की मनसा जाप करें जिसका असर आपके जीवन मे शुभ होकर अवश्य पड़ता है।