दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता समेत 22 गिरफ्तार
मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी जाएगी
हनुमान जयंती पर निकली शोभायात्रा पे उपद्रवियों ने किया था पथराव
राहुल शुक्ला
नई दिल्ली। जहांगीरपुरी में हनुमान जन्मोत्सव पर निकले शोभायात्रा पे पथराव के बाद भड़की हिंसा को पुलिस ने नियंत्रित कर अबतक मुख्य साजिश कर्ता सहित 22 लोगो को गिरफ्तार की है। तनावपूर्ण शांति बनी हुई है और एहतियातन बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात है। हालात पर नियंत्रण पाने के साथ ही उपद्रवियों की धरपकड़ शुरू हो गई है।
दिल्ली पुलिस ने मुख्य साजिशकर्ता अंसार सहित 22 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इनमें दो नाबालिग हैं। अंसार के साथ पिस्टल से फायरिंग करने के आरोपी असलम को पुलिस ने रोहिणी कोर्ट में पेश कर एक दिन के रिमांड पर लिया है। इनसे पूछताछ कर अन्य साजिशकर्ताओं के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
आरोपितों से तीन पिस्टल, पांच तलवारें भी बरामद हुई हैं। रविवार देर शाम क्राइम ब्रांच के विशेष आयुक्त रविंद्र यादव ने घटनास्थल का दौरा कर हालात का जायजा लिया। पूरे मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंपी जाएगी।
उत्तर पश्चिमी जिले की डीसीपी उषा रंगनानी ने उक्त जानकारी देते हुये बताया कि अंसार ही हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता है। जो चौथी कक्षा तक पढ़ा हुआ है और कबाड़ी का काम करता है। उसके खिलाफ दो मामले पूर्व में दर्ज हैं। उसे पहली बार 2009 में चाकू के साथ गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद 2018 में उसके खिलाफ सरकारी कर्मचारी पर हमला करने और काम में बाधा डालने की धारा में मुकदमा दर्ज किया गया। उस पर सट्टेबाजी के मामले में भी कार्रवाई की जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि अबतक मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार आरोपितों में शामिल असलम ने एसआइ मेदा लाल पर गोली चलाई थी। उसने पिस्टल से कई फायर कर शोभायात्रा में दहशत फैलाने का काम किया। उस पर भी दंगा करने, मारपीट, धमकी आदि के आरोपों में पहले से भी मामले दर्ज हैं। उसके पास से वारदात में प्रयुक्त पिस्टल बरामद कर ली गई है। दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार की शाम शोभायात्रा जब जहांगीरपुरी के सी-ब्लाक में जामा मस्जिद के पास पहुंची तो वहां पर अंसार अपने चार-पांच साथियों के साथ पहुंच गया। इसके बाद शोभायात्रा में शामिल लोगों के साथ बहस करते हुए यात्रा को रोकने लगा। कुछ ही देर में शोभायात्रा पर पथराव शुरू हो गया। साथ चल रहे पुलिसकर्मियों ने जब रोकना चाहा तो उपद्रवियों ने उन पर भी पथराव करते हुए फायरिंग शुरू कर दी। इसमें एसआइ मेदा लाल के बाएं हाथ में गोली लगने से जख्मी हो गए थे, जबकि आठ अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हो गए।
हिंसा के आरोपितों के खिलाफ दंगा भड़काने, शांतिभंग, पुलिस पर हमला करने और सरकारी कामकाज में बाधा डालने सहित कई अन्य संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।