यूक्रेन पर जारी संकट के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी सेना को अपनी प्रतिरोधी शक्तियों को “स्पेशल अलर्ट” पर रखने का आदेश दिया है जिनमें परमाणु हथियार भी शामिल हैं. पुतिन ने अपने रक्षा प्रमुखों से कहा कि पश्चिम के आक्रामक बयानों की वजह से ऐसा करना ज़रूरी हो गया है.
वैसे, उनकी इस घोषणा का मतलब ये कतई नहीं है कि रूस परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करना चाहता है. मगर उनके इस एलान ने दुनिया में परमाणु हथियारों की चर्चा छेड़ दी है.
हालाँकि, शीत युद्ध के दौर के बाद से परमाणु हथियारों के भंडार में बहुत कमी आई है, मगर अभी भी दुनिया में सैकड़ों परमाणु हथियार हैं जिन्हें बहुत कम समय के भीतर दाग़ा जा सकता है.
किन देशों के पास है परमाणु हथियार
दुनिया में अभी नौ देशों के पास परमाणु हथियार हैं.
ये देश हैं – अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ़्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, इसराइल और उत्तर कोरिया.
परमाणु हथियारों के बारे में कोई भी देश खुलकर नहीं बनाता मगर ऐसा समझा जाता है कि परमाणु शक्ति संपन्न देशों की सेना के पास 9,000 से ज़्यादा परमाणु हथियार हैं.
स्वीडन स्थित संस्था थिंक टैक ‘स्टॉकहोम इंटरनैशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट’ (सिप्री) ने पिछले वर्ष अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि 2020 के आरंभ में इन नौ देशों के पास लगभग 13,400 परमाणु हथियार थे जिनमें से 3,720 उनकी सेनाओं के पास तैनात थे.
सिप्री के अनुसार इनमें से लगभग 1800 हथियार हाई अलर्ट पर रहते हैं यानी उन्हें कम समय के भीतर दाग़ा जा सकता है. इन हथियारों में अधिकांश अमेरिका और रूस के पास हैं. सिप्री की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के पास 2020 तक अमेरिका के पास 5,800 और रूस के पास 6,375 परमाणु हथियार थे.